BEST HINDI STORY SECRETS

best hindi story Secrets

best hindi story Secrets

Blog Article

अगले दिन वह एक अलग तरह के बर्तन में किसान को खाना देने गयी और किसान को व्यस्त देख कर खाना वहीँ रख कर घर वापस आ गयी। कुछ देर बाद एक सियार वहां आया और खाने के बर्तन में मुँह डाल के खाना खाने की कोशिश करने लगा। पर इस बार वह सफल नहीं हुआ और उसका मुँह बर्तन में फंस गया। सियार हल्ला मचाने लगा। सियार को इस हालत में देख के किसान समझ गया की कल उसका खाना कहा गायब हुआ था। वह डंडा ले कर सियार के पास आया .

जैसे ही उसने पिंजरा खोला, बाघ उस आदमी पर झपट पड़ा। भूखे बाघ ने ब्राह्मण को खाने से पहले तीन सवाल पूछने का मौका दिया। ब्राह्मण ने एक सवाल पीपल के पेड़ से, एक भैंस से और आखिरी सवाल सड़क से पूछा। सभी उत्तरों से निराश होकर वह वापस जा रहा था। तभी उसकी मुलाकात एक सियार से हुई। जानिए कैसे चतुर सियार ने ब्राह्मण को भूखे बाघ से बचाने के लिए बाघ के सामने गूंगे और मूर्खों वाला काम किया।

उन्होंने देखा बच्चे पीपल के पेड़ के नीचे खेल रहे हैं। वह विषधर को परेशान कर रहे थे। विषधर कुछ नहीं कर रहा है।

बहुत-से लोग यहाँ-वहाँ सिर लटकाए बैठे थे जैसे किसी का मातम करने आए हों। कुछ लोग अपनी पोटलियाँ खोलकर खाना खा रहे थे। दो-एक व्यक्ति पगड़ियाँ सिर के नीचे रखकर कम्पाउंड के बाहर सड़क के किनारे बिखर गए थे। छोले-कुलचे वाले का रोज़गार गर्म था, और कमेटी के नल मोहन राकेश

उनकी अन्य कहानियां भी अपनी अनगढ़ता के बावजूद महत्वपूर्ण हैं.

गोपाल अपनी पत्नी के साथ दोपहर में आराम कर रहा था। पर उसके बेटे हरी को नींद नहीं आ रही थी। दरअसल हरी की स्कूल की छुट्टियां चल रहीं थी और उसके सारे दोस्त कहीं न कहीं घूमने चले गए थे। हरी घर में रहते रहते ऊब गया था। हरी ने अपनी माँ को जगाया और उनसे मिठाई खाने जाने के लिए पैसे मांगे। पर उसकी माँ उसकी बात टाल के फिर से सो गयी। हरी ने अपने पिता गोपाल से भी पैसे लेने की कोशिश करी पर निराशा ही हाथ लगी।

आज मिस्टर शामनाथ के घर चीफ़ की दावत थी। शामनाथ और उनकी धर्मपत्नी को पसीना पोंछने की फ़ुर्सत न थी। पत्नी ड्रेसिंग गाउन पहने, उलझे हुए बालों का जूड़ा बनाए मुँह पर फैली हुई सुर्ख़ी और पाउडर को मले और मिस्टर शामनाथ सिगरेट पर सिगरेट फूँकते हुए चीज़ों की भीष्म साहनी

Graphic: Courtesy Amazon Composed by Agyeya, the pen title of Satchidananda Hirananda Vatsyayan, this Hindi fiction ebook was initially revealed in 1940. The novel is a pioneering perform and is considered a landmark in Hindi literature. Agyeya, an influential determine from the Chhayavaad movement, brings to lifetime the tumultuous journey of the protagonist, Shekhar, as a result of various phases of his daily life. The novel explores Shekhar’s evolution from a carefree and idealistic youth to your experienced specific grappling Along with the complexities of existence.

Lifestyle From ‘long term faking’ to ‘like bombing’: The best way to recognise purple flags in associations

(मेरी मान्यता है कि मंटो को उर्दू-हिंदी के भाषाई विभाजन का विषय न बनाया जाए. वे दोनों ही भाषाओं के महान कथाकार हैं. उनकी सहज-सरल भाषा को किसी ऐसी श्रेणी में बांटा भी नहीं जा सकता. जो भी अंतर है वह सिर्फ़ लिपि की भिन्नता के कारण है.

माँ को अपने बेटे, साहूकार को अपने देनदार और किसान को अपने लहलहाते खेत देखकर जो आनंद आता है, वही आनंद बाबा भारती को अपना घोड़ा here देखकर आता था। भगवत-भजन से जो समय बचता, वह घोड़े को अर्पण हो जाता। वह घोड़ा बड़ा सुंदर था, बड़ा बलवान। उसके जोड़ का घोड़ा सारे सुदर्शन



अगर कबरी बिल्ली घर-भर में किसी से प्रेम करती थी तो रामू की बहू से, और अगर रामू की बहू घर-भर में किसी से घृणा करती थी तो कबरी बिल्ली से। रामू की बहू, दो महीने हुए मायके से प्रथम बार ससुराल आई थी, पति की प्यारी और सास की दुलारी, चौदह वर्ष की बालिका। भंडार-घर भगवतीचरण वर्मा

एक बार भैंस तालाब पर पानी पीने आई थी। भैंस का पैर विशाल पर पड़ गया था। फिर भी विशाल को नहीं हुआ। उसकी जान कवच से बची थी। उसे काफी खुशी हुई क्योंकि बार-बार उसकी जान बच रही थी।

Report this page